Friday 30 August 2013

बहुत याद आते हो तुम !

NAAN UNNAI KATHALIKARAEN



 


चलती हवाओं के साथ
बहते पानी के साथ
उड़ते पंछियों के साथ
होती बारिशों के साथ
बहुत याद आते हो तुम !


तेरी ही दी हुई उड़ान के साथ
यूँ लिखी हर कविता के साथ
हर शब्द, हर बोली के साथ
बाऊजी की कवाली के साथ
बहुत याद आते हो तुम !


राहों में चलती बनी परछाई के साथ
पेड़ो की छावों के साथ
कभी गिरती कभी उभरती उन  पलों के साथ
तुम्हारे ख्यालों में गुज़रते हर लम्हें के साथ
बहुत याद आते हो तुम !


ट्रेन के छुक छुक आवाज़ के साथ
नोवेल  की कहानियों के साथ
तेरी कमली की गंवारों जैसी हंसी के साथ
दबी आवाज़ में रोती अंखियों के साथ
उनमें  भरे तेरे सपनो की उड़ान के साथ
बहुत याद आते हो तुम !

तेरे प्यार के चुन्नर के हरे रंगों के साथ
यूँ बिखरी बिखरी   जुल्फों के साथ
भीड़ में छुपी तन्हाई के साथ
तारे गिन गिन बीतती रातों के साथ
बहुत याद आते हो तुम !


तुझे लिखे हर पैगाम के साथ
चढ़ते दिन और ढलती शाम के साथ
बगिया में खिले फूल और आम के साथ
जब देखूं राधा को शाम के साथ
बुलाते है लोग हीर को जब रांझे के नाम के साथ
बहुत याद आते हो तुम !


बिन कहें, मुझ तक पहुंचती तेरी हर आवाज़ के साथ
दरगाह में चढ़ाई, तेरे नाम की हर नियाज़ के साथ
रूहानी प्रीत की रीत निभाते रीति  रिवाज़ के साथ
बहुत याद आते हो तुम !


दिल की हर धड़कन के साथ
हर सजदे, नमाज़, दुआ के साथ
दुनियावी बंधन का नहीं
रूहानी एहसासों की गांठ के साथ
आती जाती हर साँस के साथ
बहुत याद आते हो तुम !


झूठ है सब जो कहती हूँ बहुत याद आते हो तुम !
सच तो ये है कि याद तो तब करूँ,
जो इस कमली को कभी भूल पाते हो तुम
न मुझे याद आते हो तुम
क्यूंकि मैं हो चुकी हो तुम !!

2 comments:

  1. तेरी याद हर तरफे से घेरे है मुझे … बढ़िया |

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  2. मेरे ब्लॉग कि नयी पोस्ट आपके और आपके ब्लॉग के ज़िक्र से रोशन है । वक़्त मिलते ही ज़रूर देखें ।

    http://jazbaattheemotions.blogspot.in/2013/11/10-4.html

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